गांधीजी के जीवन काल में, उनके उत्सर्ग के बाद भी, भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में उनका और उनसे संबंधित बहुत सा साहित्य प्रकाशित हुआ है। ऐसी पुस्तकों में, जो उनके निधन के बाद प्रकाशित हुई हैं, सुप्रसिद्ध अमरीकी पत्रकार लुई फिशर की दि लाइफ ऑफ महात्मा गांधी अपने ढंग की एक ही है। प्रस्तुत पुस्तक उसी की हिन्दी रूपांतर है।
गांधीजी का जीवन अपने परिवार या देश तक ही सीमित नहीं था। वह सारी मानवता के लिए था। इसलिए यह पुस्तक केवल गांधीजी की कहानी नहीं है, बल्कि भारत के स्वातंत्र्य-संग्राम और सारी मानवता के प्रति उनकी भावनाओं और कार्यों का अपने ढंग का इतिहास भी है।
लुई फिशर सिद्धहस्त पत्रकार थे। सारी सामग्री को उन्होंने इस तरह से प्रस्तुत किया है कि पुस्तक पढने में उपन्यास का-सा आनंद आता है। कुछ प्रसंग तो बड़े ही। सजीव, मार्मिक और नाटकीय हैं। एक विदेशी की कलम से अंकित राष्ट्रपिता की जीवनी होने के कारण यह हमारे लिए और भी अधिक दिलचस्पी की चीज बन गई है।
हमें विश्वास है कि यह पुस्तक अधिक से अधिक के हाथों में पहुँचेगी और इसके अध्ययन से पाठक पूरा लाभ उठायेंगे।